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अजीत जोगी को एक और बड़ा झटका….हाईकोर्ट ने खारिज की जोगी की याचिका, कहा – प्रकरण कोर्ट में चलने योग्य नहीं

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मुश्किलें कम होते दिखाई नहीं दे रही है | बुधवार को अजीत जोगी को हाईकोर्ट से एक और बड़ा झटका लगाता दिखाई दिया। उच्च स्तरीय छानबीन समिति की रिपोर्ट को चुनौती देने जोगी ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट पर याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने एक सिरे से खारिज कर दिया है । इसके बाद अब अजीत जोगी सुप्रीम कोर्ट की दरवाजा खटखटा सकते हैं |

जोगी की याचिका पर सरकारी अधिवक्ताओं ने जवाब पेश करते हुए बताया कि उच्च स्तरीय छानबीन समिति का अंतिम फैसला आ चूका है, इस फैसले के बाद अब यह प्रकरण कोर्ट में चलने योग्य नहीं हो सकता है । साथ ही यह भी बताया गया कि अजित जोगी ने 20 तारीख को छानबीन समिति के समक्ष एक आवेदन पेश किया था, जिसे कंसीडर नही किया गया है। कोर्ट दोनों पक्षों की दलालें सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया ।

बता दें छत्तीसगढ़ में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया है। अजीत जोगी ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी । 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सिंह सरकार को पूर्व आईएएस अधिकारी जोगी की जाति का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था, जून, 2017 में कमेटी ने अपनी जांच में जोगी को आदिवासी नहीं माना । इसके खिलाफ जोगी हाई कोर्ट पहुंच गए । 2018 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दूसरी बार उच्चाधिकार स्क्रूटनी कमेटी का गठन किया था । यह कमेटी राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी रीना बाबा साहब कंगाले की अध्यक्षता में कोर्ट के निर्देश पर बनाई है, इसके पहले भी सरकार ने कंगाले की ही अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई थी | यह कमेटी सरकार और कोर्ट में लंबित फर्जी जाति के अन्य मामलों की भी सुनवाई कर स्टे वेकेंट कराने अपनी सिफारिश करेगी, गौरतलब है कि विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि फर्जी जाति मामले में एक महीने में कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं | सीएम बघेल ने कहा था कि अब फर्जी प्रमाण पत्र वाले न तो नौकरी कर सकेंगे और न ही राजनीति कर सकेंगे |

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